2004 में विपक्षी खेमे को मजबूत नेतृत्व प्रदान कर चुकीं सोनिया गांधी का करिश्मा एक बार फिर विभिन्न राजनीतिक दलों को एक साथ एक मंच पर लाने में कामयाब होता दिखाई पड़ रहा है। अब तक बेंगलुरु बैठक में आने के लिए 24 दलों ने अपनी सहमति दे दी है। ममता बनर्जी के बेंगलुरु बैठक में शामिल होने को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा था लेकिन खबर है कि अब वे भी भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक में हिस्सा लेने बेंगलुरु पहुंच रही हैं। इधर अपना दल ने भी बैठक में शामिल होने पर हां कर दिया है। ऐसे में यदि विपक्ष सभी सीटों पर साझा उम्मीदवार खड़ा करने पर एकमत बनाने में सफल हुआ तो इसे कांग्रेस और सोनिया गांधी की बड़ी सफलता मानी…