Jammu Kashmir Stats 99 percent End to Stone Pelting Dip in Casualties Among Forces – India Hindi News

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जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गई है। 2020 की पहली छमाही के बाद से घटनाओं में 99 प्रतिशत की गिरावट आई है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि इसी अवधि में, सुरक्षा बलों के बीच हताहतों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि आईईडी एक चिंता का विषय बना हुआ है। कुल मिलाकर इस केंद्र शासित प्रदेश में हालात सामान्य बने हुए हैं। इस वर्ष जी20 की बैठक भी श्रीनगर में आयोजित हुई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर पर नजर रखता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए नियमित अंतराल पर बैठकें करता है। केंद्र शासित प्रदेश में सकारात्मक नतीजे आ रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रालय नियमित रूप से विकास और सुरक्षा मुद्दों का जायजा लेता रहता है। 

News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 के पहले छह महीनों में स्थानीय अधिकारियों द्वारा पथराव की कुल 324 घटनाएं दर्ज की गईं। अगले साल, ऐसी घटनाओं में गिरावट देखी गई और घटकर 179 रह गईं। इसी तरह, 2022 और 2023 में भी इसी अवधि के लिए, रिपोर्ट की गई घटनाओं की कुल संख्या 50 और 3 रह गई। एक अन्य सकारात्मक घटनाक्रम में, जम्मू-कश्मीर में शहीद सुरक्षा कर्मियों की संख्या में 2020 के बाद से भारी गिरावट देखी गई है, यह आंकड़ा 32 से घटकर 11 हो गया है।

नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में जम्मू-कश्मीर शीर्ष पर रहा है। प्रधानमंत्री ने कई अवसरों पर, 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र की स्थापना करार दिया है। पंचायत चुनाव कराने, एम्स, विश्वविद्यालयों और सड़कों जैसी कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने से लेकर कश्मीरी पंडितों तक पहुंचने तक, पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर को बेहद जरूरी बदलाव देने के मिशन पर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से विस्फोटकों और ग्रेनेड की बरामदगी में भी कमी आई है। 2021 में सुरक्षा बलों ने करीब 68 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए थे। इस वर्ष पहली छमाही में यह संख्या शून्य है। ग्रेनेड बरामदगी 2020 में 266 से घटकर 2023 में 83 हो गई है। आंकड़ों से पता चला है कि 2020 से 2023 की पहली छमाही तक जम्मू-कश्मीर से कुल 728 ग्रेनेड और 102.75 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा अभियानों के परिणामस्वरूप आतंकवादियों की संख्या में कमी आई है। इससे हथियारों की बरामदगी भी 246 से घटकर 73 हो गई है, जो घाटी में हथियारों की कम सप्लाई का संकेत है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2023 के पहले छह महीनों के बीच 770 हथियार बरामद किए गए हैं।

हालांकि, सकारात्मक रुझानों के बावजूद, आईईडी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि बरामदगी में वृद्धि देखी गई है। जहां 2020 में आईईडी की कोई बरामदगी नहीं हुई, वहीं 2021 में पांच आईईडी बरामद किए गए। 2022 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई और 2023 में यह 15 हो गई। पिछले संसद सत्र में गृह मंत्रालय ने कहा था कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

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